पुणे पोर्शे कार दुर्घटना मामला, जहां कथित तौर पर नशे में धुत्त एक 17 वर्षीय लड़के ने मोटरसाइकिल पर सवार दो युवा इंजीनियरों की हत्या कर दी, 19 मई की दुखद घटना के बाद से खबरों में है। उस रात क्या हुआ था, विस्तार से पढ़े।
महाराष्ट्र के पुणे शहर में, जश्न की एक रात भयानक त्रासदी में बदल गई, जिससे परिवार बिखर गए और समुदाय शोक में डूब गया। घटना, जिसमें तीन युवा व्यक्ति शामिल हैं-
वेदांत अग्रवाल, अश्विनी कोष्टा, और अनीश अवधिया। इस घटना ने लापरवाही से गाड़ी चलाने और कम उम्र में शराब पीने के विनाशकारी परिणामों पर प्रकाश डाला है।
वेदांत अग्रवाल, जो केवल 17 साल का था और प्रतिष्ठित नामी गिरानी परिवार से था, उसने अपनी 12वीं की परीक्षा में सफलता के उत्साह में एक रात को जशन में बिताया। वह केवल 17 साल का था फिर भी उसने Cozy और Black जैसे Bar में जाकर शराब पी। शराब के नशे में आने के बाद, वेदांत ने अपने परिवार की नई कार पोर्श टायकन चलाने का फैसला किया, जो उसकी बड़ी गलती साबित हो गई।
पुणे पोर्शे कार दुर्घटना के तीन किरदार।
किरदार 1: अनीश अवधिया
अनीश अवधिया, पाली बिरसिंहपुर, मध्य प्रदेश का रहने वाला था। वह बहुत ही मेहनती और समझदार इंसान था। अनीश एक माध्यम वर्गीय परिवार से आते थे। वाह अपने परिवार के बड़े बेटे थे। उन्होंने अपने परिवार की जीमेदारिया छोटी उम्र से ही संभाल ली थी। उनका एडमिशन पुणे के DIY पाटिल इंजीनियरिंग कॉलेज होना, उनके लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
चार साल की डिग्री के बाद उनकी पुणे में अच्छी जॉब लग गई थी।अच्छी जॉब के कारण वो अपनी फॅमिली की सहायता करने में अब सक्षम हो गए थे और अपने छोटे भाई को भी पुणे पड़ने के लिए बुलालिया था। वो अपने घर पाली बिरसिंहपुर पिछले महीने ही गए थे और वापस जून को जाने वाले थे।
किरदार 2: अश्विनी कोष्टा
अश्विनी कोष्टा मध्य प्रदेश के जबलपुर में रहने वाली उत्कृष्ट छात्रा थी। वो पड़ने मे होसियार लड़की थी, बारवी और दशवी कक्षा मे उसने 99% प्राप्त किये थे। उसने अपने आगे की पढ़ाई ज्ञान गंगा इंस्टीटूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से की थी।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उसको पुणे मे सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तोर पर अमेज़न एंड जॉनसन कंट्रोल्स जैसी कंपनी मे काम करने का मौका मिला।
अश्विनी के पिता सुरेश कुमार कोष्टा बिजली विभाग मे एक कर्मचारी है। उनके पिता के साथ अश्विनी का खाश जुड़ाव था। अश्विनी के पिता ने हमेसा उसे मेहनत करना सिखाया था।
अश्विनी अपने परिवार के बहुत करीब थी भले ही उसके पास एक सफल नौकरी थी। वह अक्सर खास दिनों में अपने परिवार से मिलने जबलपुर जाती थीं। वह १४ जनवरी को अपने जन्मदिन के लिए वहां गई थी और उसने अपने पिता से वादा किया था कि वह १८ जून को उनके जन्मदिन के लिए वापस आएगी। उसने पहले से ही जबलपुर के लिए टिकट बुक कर लिया था और हर दिन अपने पिता से उनके जन्मदिन की योजनाओं के बारे में फ़ोन पे बात करती थी।
किरदार 3: वेदांत अग्रवाल
वेदांत अग्रवाल एक 17 साल का लड़का है, वो अपने पिता विशाल अग्रवाल, जो की नामी गिरामी बिल्डर की लिस्ट में आते है, के लाडले बेटे है। विशाल अग्रवाल Brahma Reality के owner है। वेदांत जो की मात्र 17 का है अपने बारवी कक्षा में पास होने की खुशी में Cozy और Black जैसे बार में पार्टी की।
वेदांत ने अपने परिवार की नई खरीदी हुई, बिना रजिस्टर की हुई पोर्शे टायकन को चलाया, जिसकी कीमत 2.50 करोड़ है। उनके पिता, अपने बेटे की उम्र से अवगत थे, उनको Car और एक Credit Card दोनों दिया था, जिसका उपयोग वेदांत पब में 48,000 रुपये के बिल का भुगतान करने के लिए किया था।
पुणे पोर्शे कार दुर्घटना की रात क्या हुआ था।
दोस्तों की पार्टी
पुणे में, अनीश अवधिया एक मिलनसार और खुश-मिज़ाज इंसान था जिसका एक छोटा-सा दोस्त का ग्रुप था, जिसमें अश्विनी कोष्टा भी थी। अश्विनी अपने पापा को अपने रोज़ के जीवन के बारे में बताती रहती थी।
18 मई को, उसने अपने पापा को फोन करके बताया कि वो अपने दोस्तों से डिनर पर मिलने वाली है, क्योंकि उनकी काफी दिन से मुलाकात नहीं हुई थी। उस रात जिनके साथ वो मिलने वाली थी उनमें अनीश अवधिया भी थे।
दोस्तों ने फैसला किया कि वो कल्याणी नगर में डिनर के लिए मिलेंगे। ये गेट-टुगेदर एक लंबे समय से इंतजार में था, और सभी मिलने के लिए उत्साहित थे। जैसे ही सब इकठ्ठा हुए, महौल हँसी-मज़ाक और जीवंत बातों से भर गया। अपने हाल के अनुभवों के बारे में बातें बताई, अपनी जिंदगी के अपडेट दी, और पुरानी यादों को ताज़ा किया इतने दिन बाद मिलने की ख़ुशी में सब को वक़्त का पता ही नहीं चला।
रात जल्दी बीत गई, और उन्हें पता ही नहीं चला कि कब 2 बजे गई अगले दिन रविवार था। वीकेंड होने के करण सब रिलैक्स्ड थे और उन्हें अपना रीयूनियन खत्म करने की जल्दी नहीं थी। कुछ देर बाद आख़िर में, उन्होंने फैसला किया कि अब घर जाना चाहिए। अनीश और अश्विनी एक ही बाइक पर निकलने लगे, जबकी उनका एक दोस्त अकीम मुल्ला दूसरी बाइक पर उनके पीछे चला।
हादसा कैसे हुआ।
अनीश और अश्विनी बाइक पर जा रहे थे और घर पहुंचने के लिए उन्हें यू-टर्न लेना था। अनीश ने ट्रैफिक चेक किया ताकि सुनिश्चित हो सके कि टर्न लेना सुरक्षित है। अचानक, एक पॉर्श कार बहुत तेज़ रफ़्तार, लगभाग 200 किमी/घंटा, से आई और उनकी बाइक से टकरा गई।
टकराव इतना ज़ोर का था कि अश्विनी, जो बाइक के पीछे बैठी थी, 20 फीट ऊपर उछल कर सड़क पर गिर गई और तुरंत उसकी मौत हो गई। अनीश, जो बाइक चला रहा था, एक खड़ी कार से जा टकराया और उसकी भी वही मौत हो गई।
ये दुखद हादसा 18 मई की रात को पुणे में हुआ। 17 साल का ड्राइवर, वेदांत अग्रवाल, अपने 12वीं कक्षा की परीक्षा पास करने के बाद अपने दोस्त के साथ pub में सेलिब्रेशन कर के लौट रहा था। रात के लगभाग 2:15 बजे पर, ये तेजी से चलती कार अनीश और अश्विनी अवधिया की बाइक से टकरा गई।
चश्मदीदों ने बताया कि अश्विनी हवा में कई ऊपर उछल कर जमीन पर गिर गई, जबकी अनीश एक और पार्क की हुई कार से टकरा गया। दोनों की वही पर ही मौत हो गई। ये भी नोट किया गया कि कार 200 किमी/घंटा की रफ़्तार से चल रही थी जब ये हादसा हुआ था।
कानूनी कार्यवाही और जमानत।
वेदांत अग्रवाल, जो लग्जरी पॉर्श कार चला रहा था, उसके साथ हुए दुखद हादसे के बाद, उसे गिरफ्तार कर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया। हादसे की गंभीरता के कारण, वेदांत को सिर्फ 15 घंटे में जमानत मिल गई, जो मशहूर वकील प्रशांत पाटिल के प्रयास से संभव हो पाई। प्रशांत पाटिल, जो हाई-प्रोफाइल क्लाइंट्स को रिप्रजेंट कर चुके हैं, उन्होंने कुछ शर्तों के साथ वेदांत के लिए जमानत हासिल की।
- वेदांत को हादसे पर 300 शब्दों का एक निबंध लिखना था।
- उससे15 दिन तक ट्रैफिक प्लानिंग का काम करना था।
- वेदांत को अपनी शराब की स्थिति के लिए उपचार लेना था, जिसमें एक मनोचिकित्सक परामर्श भी शामिल था।
जमानत के इस तेजी से मिलने के फैसले ने पीड़ित के परिवार और जनता में काफी नाराजगी पैदा कर दी। ख़ासकर अश्विनी कोष्टा के परिवार ने न्याय के लिए हर स्तर पर लड़ने का इरादा व्यक्त किया।
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